mahashivratri poetry -ओम की महिमा/प्रेमलता शर्मा

ओम की महिमा (mahashivratri poetry) ओम से ही सृष्टि का आरंभ हुआ है ओम पर ही अंत ओम मैं ही संपूर्ण ब्रह्मांड है ओम ही शिव स्वरूप ओम ही शांति … Read More

happy women day poem -बेटी/ प्रेमलता शर्मा

बेटी (happy women day poem) एक औरत बेटी को जन्म देकर कभी वह हस्ती कभी वह रोती है विधाता तूने क्या सौगात दी है  ईश्वर से वह सवाल करती है … Read More

Gaay kee karun pukaar/सीताराम चौहान पथिक

गाय की करुण पुकार (Gaay kee karun pukaar) गौ-पालक है देश हमारा , ग्वाले    है     बद – हाल । गैयां भटक रहीं गलियों में, सब    से    … Read More

bhaarateey basant geet /दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश”

बसंत गीत  (bhaarateey basant geet) कलियों ने घूंघट खोल दिए, पत्ती-पत्ती       मुसकाई।   कोयल ने अपना गीत सुनाया, तब       बसंत     ऋतु     आई।   मलय … Read More

Poem on indian politics in hindi /पवन शर्मा परमार्थी

राजनीति का अब ऐसा स्तर गिरा है। (Poem on indian politics in hindi) १. राजनीति का अब ऐसा स्तर गिरा है। कि देश का नेता बना सिरफिरा है।।   वो … Read More

Hindi kavita shabd- शब्द/डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

 शब्द (Hindi kavita shabd) बिल्कुल अच्छे नहीं लगते शब्द जब शिकार हो जाते हैं आत्ममुग्धता के और कर्म से कर लेते हैं विच्छेद अपने संबंधों का एवं अहंकार का किरीट … Read More

anaath bachche kee vedana/सीताराम चौहान पथिक

अनाथ बच्चे की वेदना  (anaath bachche kee vedana) सब बच्चों की मांऐ  है , करती लाड़ – दुलार । मैं अबोध जाऊं कहां , कौन  करेगा प्यार ॽ पता नहीं … Read More

Hindi kavita pahun-पाहुन /बाबा कल्पनेश

पाहुन (Hindi kavita pahun) पाहुन आए द्वार पर,ले फागुन दरबार। बौराए सब आम्र तरु,धारे नव शृंगार।। धारे नव शृंगार, दिशाएँ महकी-महकी। डाल-डाल तरु पात,कुहुक कर कोयल चहकी। लिख-लिख पाहुन गीत,लेखनी … Read More

sapanon mein rang bharatee chidiya/हरिश्चंद्र त्रिपाठी ‘हरीश’

सपनों  में रंग भरती चिड़िया। (sapanon mein rang bharatee chidiya) चूॅ-चूॅ चीं चीं करती चिड़िया , सूरज निकला कहती चिड़िया ।1। घर-ऑगन तक दौड़ लगा कर, उठ जाओ अब कहती … Read More

Hindi Poem sankalp-संकल्प/प्रेमलता शर्मा

संकल्प (Hindi Poem sankalp) धरा की तरह सहनशील बनो पर्वत   की तरह अड़िग  रहो अगर मनुष्य तुम्हें कहलाना है अपने मन में दृढ़ संकल्प करो दूर क्षितिज पर रातों को … Read More

hindi poem granthi/डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

ग्रंथि (hindi poem granthi) बहुत छोटा शब्द है लेकिन प्रभाव मारक होता है भर लेती है विष, ग्रंथि अपने भीतर और जिस घर में बैठ जाती है खोखला कर देती … Read More

Nirala Poem /सीताराम चौहान पथिक

निराला की पुण्यतिधि पर सीताराम चौहान पथिक के द्वारा रचित कुछ पंक्तियां महाकवि को समर्पित है। “दुःख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूं आज, जो नहीं कही” ‌ सरोज … Read More

Best Nazm of Savita Chadha/एक सोच और कलम का सम्मान

एक सोच (Best Nazm of Savita Chadha) प्रतिदिन चाहती हूं सुखों के फूल अपने गमलों में, उन्हें ही देख मैं सांस ले सकती हूं, मुझे सुखों के फूल बहुत पसंद … Read More

Nari shakti par kavita/अखिलेश प्रताप सिंह

“भारत की माताएं” (nari shakti par kavita) “भारत” – “भारत की माताओं” को, दिल से करूं प्रणाम, अपने- अपने पूत्रों की खातिर, कर गई अचरज काम ।।   लक्ष्मी बाई … Read More