मृत्यु हिंदी कविता-डॉ०सम्पूर्णानंद मिश्र

मृत्यु हिंदी कविता-डॉ०सम्पूर्णानंद मिश्र मृत्यु शाश्वत सत्य है मृत्यु आती है जीवन में एक बार नहीं भयभीत होना चाहिए  यह विश्व सुंदरी होती है   कोई अज्ञानी ही  ठुकरा सकता … Read More

एक और द्रौपदी-ek aur draupadee-डॉ सम्पूर्णानंद मिश्र

 ek aur draupadee एक और द्रौपदी     मंडरा रहा है  अविश्वास, झूठ  छल,फरेब का ख़तरा   चारों ओर  जीना पड़ेगा  सावधान सतर्क चौकन्ने   चांपा जा रहा है गला … Read More

पड़ोसी खतरनाक है-padosee khataranaak hai

padosee khataranaak hai  पड़ोसी खतरनाक है ।  सावधान प्रिय देश- पड़ोसी खतरनाक है , सीमा पर खूनी खेल-हुई अब आम बात है , अब तलक पियेगा ज़हर,उगलने की बारी है, … Read More

Hindi poems|hindi kavita| हिंदी कविताएं

Hindi poems|hindi kavita| हिंदी कविताएं आशीर्वचन तुम्हारे ही हैं  जीवन   मे जो    भी सुन्दर  है उसमे अपनी क्या      प्रभुताई गीतों   मे    जो  गाता    रहता आशीर्वचन  … Read More

लोरी | Lori lyrics in hindi -सीताराम चौहान पथिक

Lori lyrics in hindi  लोरी   सो जा राजकुमारी, सो- जा । दूर – दूर से पंछी आए , गीत मधुर सबके मन भाए, मीठे सपने तुझे बुलाए  , सपनों में … Read More

नहीं है बोलने का समय-nahee bolane ka samay

nahee bolane ka samay  नहीं है बोलने का समय नहीं है  बोलने का समय यह बिल्कुल नहीं है और न ही देखने का क्योंकि जिन लोगों ने नग्न चेहरा सच … Read More

मरती संवेदनाएं/डॉ.संपूर्णानंद मिश्र | maratee sanvedanaen

मरती संवेदनाएं/डॉ.संपूर्णानंद मिश्र  – maratee sanvedanaen मरती संवेदनाएं आज संवेदनाएं    मर चुकी हैं स्वार्थपरता की भट्ठी   में पूरी तरह जर चुकी हैं दैवीय आपदाओं से मरते हुए घुरहू, … Read More

परिवर्तन-parivartan hindi kavita-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

 parivartan hindi kavita परिवर्तन परिवर्तनशील है यह संसार यह ध्रुव सत्य है नहीं है इसमें कोई संदेह आज जो चल रहा है कल बिल्कुल नहीं होगा नहीं संकोच करती है … Read More

एक मुट्ठी राख -hindi poetry ek mutthee raakh

 hindi poetry ek mutthee raakh  एक मुट्ठी राख एक मुट्ठी राख में सब हुस्न उसका मिल गया , प्रेम की प्रतिमा थी वह , देखा कलेजा हिल गया , सौन्दर्य … Read More

पेंशनर्स की व्यथा-penshanars kee vyatha-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

 penshanars kee vyatha *पेंशनर्स की व्यथा* —————————– खो देता है बुद्धि, विवेक मनुष्य प्राप्त करने में इसको‌ रेत देता है गला संबंधों का भी बड़ी ताकत होती है पैसे में … Read More

bhagwan shri ram par kavita- सीता राम चौहान पथिक

 bhagwan shri ram par kavita कहां मिलेंगे राम ॽ     बोल अवध की माटी – तू ही, कहां मिलेंगे राम ॽ तेरी ही माटी में खेले थे – त्रेता … Read More

itihaas likhata raha/इतिहास लिखता रहा- डॉ. सम्पूर्णान्द मिश्र

itihaas likhata raha:  डॉ  सम्पूर्णान्द मिश्र की  रचना  इतिहास लिखता रहा  हिंदीरचनाकर  पाठको के  सामने प्रस्तुत है   इतिहास लिखता रहा कुछ समय निकाल कर      हंस लूंगा   चाहे … Read More

rashtiya vedana hindi kavita/राष्ट्रीय वेदना हिंदी कविता

rashtiya vedana hindi kavita :  सीताराम  चौहान पथिक  की रचना  राष्ट्रीय वेदना  हिंदी  कविता   देशभक्ति   की  भावना  जाग्रत  करती  है  प्रस्तुत  है  रचना     राष्ट्रीय – वेदना ।  भारत    मेरा  … Read More

bhadhak hota hai moh/बाधक होता है मोह-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

bhadhak hota hai moh:  डॉ.संपूर्णानंद मिश्र की रचना बाधक होता है मोह हिंदी रचनाकार पाठको के सामने प्रस्तुत है  बाधक होता है मोह बाधक होता है मोह लक्ष्य में अपने … Read More

ravan hindi kavita/रावण  पर  हिंदी कविता 

(ravan hindi kavita) रावण  पर  हिंदी कविता  रावण    रावण, क्यों बना रावण ॽ यह उसकी पहली और आखिरी गलती नहीं थी क्यों चूराया उसने सीता को ॽ उसके पास … Read More