Sitaram chauhan pathik kavita/तो हम जानें
Sitaram chauhan pathik kavita तो हम जानें यूं तो करते हैं एहसान सभी अपनों पर , ये एहसान गैरों पे करो – तो हम जानें । लुटाते हो रेवड़ियां — … Read More
Sitaram chauhan pathik kavita तो हम जानें यूं तो करते हैं एहसान सभी अपनों पर , ये एहसान गैरों पे करो – तो हम जानें । लुटाते हो रेवड़ियां — … Read More
Moral story in hindi मुआवज़ा राह में खड़ी गाय को हट -हट करते हुए दीनू काका अपना हाथ ठेला आगे बढ़ा रहे थे ।दूर-दूर से आकर प्रयाग में रहने वाले … Read More
hindi kavita prem ka path प्रेम का पथ प्रेम है पथ समर्पण का प्रेम है पथ अर्पण का प्रेम है पथ त्याग का प्रेम ही पथ जीवन का … Read More
Hindi kavita jeevan ke rang जीवन के रंग नील- गगन में उड़ा जा रहा था हंसो का जोड़ा , आखेटक था खड़ा ताक में , बाण वहीं … Read More
साहित्य जगत का एक नन्हा सा जुगनू (biography of asha shailee) साहित्य जगत में शनै-शनै अपनी रोशनी बिखेरती, हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, डोगरी, महासवी (हिमाचली), ओड़िया एवं उत्तराखण्डी भाषाओं … Read More
kavita khilaaf hai jhooth ख़िलाफ़ है झूठ फल है तुम्हारी निरंतर साधना का मिला है जिस वजह से नाम तुम्हें यह सच का घबराते हैं तुम्हारी प्रखरता से झूठ के … Read More
narendra singh baghel ka geet कितनी रातें छली गयीं कितने दर्द छुपाए दिल में, कितनी रातें चली गयीं। अलसाये अनुबंधों से फिर, कितनी रातें छली गयीं।। हमने जीवन में देखा था, सुंदर … Read More
poem on matrbhasha in hindi मातृभाषा हिंदी अंग्रेजी या आंग्ल भाषा, का चुभता सदा है शूल, हिंदी हिंदुस्तान की भाषा, सब गए हैं भूल ।। माँ”, पिताजी कहने में, अब … Read More
Baba kalpnesh ke geet यह कैसी नादानी जल से भरी नदी पर प्यासी,खोज रही है पानी, अपना घाट छोड़ कर दर-दर,यह कैसी नादानी। कुछ दिन … Read More
poetry on manzil मंजिल के पास पहुँचकर भी हारती रही मैं मंजिल के पास पहुँचकर भी हारती रही मैं फिर भी बिखरे सपनों को संवारती रही मैं लड़ती … Read More
डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज का व्यक्तित्व (Biography Dr. Rasik Kishore Singh Neeraj) परिचय जन्म : 03.01.1965 कवितांगन मुरवल-210121 बाँदा (उ0प्र0) पिता: – शिवलाल सिंह शिक्षा : शास्त्री, आयुर्वेदरत्न, एम0 ए0, पी-एच0डी0, ब्वायलर अटेंडेंट,जी०डी०एम०एम०, … Read More
Maa par kavita ममता का आँचल मां , मुझे इक बार आंचल में , छिपा लो —-थक गया हूं । ममता भरी लोरी सुना दो , … Read More
poet indresh bhadoriya poems in awadhi बाकी हम काम बनाय ल्याब बसि बीस बराती लै आयो, बाकी हम काम बनाय ल्याब। है अबै कोरोना समय चलत, आदेस भवा सरकारी … Read More