Premlata sharma koee to javaab do/ कोई तो जवाब दो

Premlata sharma koee to javaab do कोई तो जवाब दो कोई तो जवाब दो हवाओं से पूछो घटाओं से पूछो किसने घोला है जहर चांद तारों से पूछो यह खूबसूरत … Read More

Corona Se bachaav par kavita/हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

Corona Se bachaav par kavita कोरोना से  बचाव पर कविता  मास्क लगाकर,दूरी रखिये , चाहो यदि निज खैर । अनदेखी न करना मेरा – नहीं किसी से बैर ।।1।। स्वस्थ … Read More

Chhand Bhujangaprayaat/ बाबा कल्पनेश

Chhand Bhujangaprayaat छंद-भुजंगप्रयात करो मातु दाया न जागे जगाए न बोले बुलाए। नहीं जीव जैसा कभी दीख पाए।। हिलाओ-डुलाओ कभी भी न डोले। पड़ी लाश जैसा नहीं आँख खोले।। बड़ा … Read More

Man Kee Vivechana/भारमल गर्ग सांचौर

मन की विवेचना Man Kee Vivechana अनुराग अनुभूति मिला आज आनुषंगिक, निरूपम अद्वितीय शून्यता हुआ! देख अपकर्ष अपरिहार्य के साथ।   यदा-कदा अनुकंपा, अनुकृति अहितकर असमयोचित इंद्रियबोध रहित! अक्षम अनभिज्ञ … Read More

Chaamar chhand saar saar shaarade – चामर छंद

Chaamar chhand saar saar shaarade सार-सार शारदे चामर छंद विधान- रगण जगण रगण जगण रगण 212 121 212 121 212 मातु शारदे सदा विराजती रहो हिए। छंद शास्त्र ज्ञान दान … Read More

Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya- खूंखार भेड़िए हो!

Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya खूंखार भेड़िए हो! रिश्ता गहरा तुम्हारा हमारा एक अटूट प्रेम हममें तुममें कभी हंसते थे खिलखिलाते थे मीठी- मीठी बातें बतियाते थें मर मिटते थे एक … Read More

poem on maa durga- देवी पर कविता

poem on maa durga जय माता दी आया हूं तेरे द्वार, माता शेरावाली। दे दे अपना प्यार, माता शेरावाली। दूर कहीं पर बैठे-बैठे, तू संसार चलाये‌। तेरे आगे देव और … Read More

जानवर भीतर का/सम्पूर्णानंद मिश्र

जानवर भीतर का जानवर भीतर का न जाने कब से देहगाड़ी पर भीतर के मरे हुए पशु को ढोते रहे यूँ ही हर बार फेंकते रहे सड़क पर बियाबान में … Read More

Poem on hindu new year-हिन्दू नववर्ष पर कविता

Poem on hindu new year विश्व व्यापी महामारी कोरोना से भयभीत जगत को, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 की, निम्नांकित रचना के माध्यम से … Read More

ख़तरा भीतर से है/डॉ सम्पूर्णानन्द मिश्र

ख़तरा भीतर से है ख़तरा भीतर से है बाहर से नहीं चाहे वैचारिक हो या सामाजिक बध किया है हमेशा हमारी शक्तियों का आंतरिक दुर्बलताओं ने नहीं बोने देना चाहिए … Read More

Hindi Poems of Sampurnanand Mishra- क्रूर काल और भागो- भागो

Hindi Poems of Sampurnanand Mishra क्रूर काल ग्रास हो गया क्रूर काल का तीस साल में ही रामू विधवा बना दिया पत्नी को भरी जवानी में छिप-छिप कर रोने लगी … Read More

Saraswati Vandana-सरस्वती वन्दना/सीताराम चौहान पथिक

Saraswati Vandana-सरस्वती वन्दना/सीताराम चौहान पथिक सरस्वती- वन्दना । शुभ्र ज्योत्स्ना ज्ञानमयी मां , स्नेह प्रेम सद्बुद्धि प्रदाता । विश्व तॄषित चातक समान यह स्वाति – बूंद बरसा दो माता। तार … Read More

होली पर लिखी कविता | Holi kavita poem 2021

होली पर लिखी कविता | Holi kavita poem 2021 पावन होली के सुअवसर पर, ढेरों शुभ कामनाओं के साथ, होली से सम्बंधित कुछ भाव सुमन सस्नेह समीक्षार्थ निम्नवत् प्रस्तुत हैं:– … Read More

Ish-vandana kavita | ईश- वंदना कविता

Ish-vandana kavita : दिल्ली  के वरिष्ठ साहित्यकार  सीताराम चौहान पथिक की रचना  ईश- वंदना कविता  में नव-युवाओ और राष्ट्रीय नेताओं को संमार्ग  पर चलने और भारतीय संस्कृति अपनाने की प्रार्थना … Read More