Premlata sharma koee to javaab do/ कोई तो जवाब दो
Premlata sharma koee to javaab do कोई तो जवाब दो कोई तो जवाब दो हवाओं से पूछो घटाओं से पूछो किसने घोला है जहर चांद तारों से पूछो यह खूबसूरत … Read More
Premlata sharma koee to javaab do कोई तो जवाब दो कोई तो जवाब दो हवाओं से पूछो घटाओं से पूछो किसने घोला है जहर चांद तारों से पूछो यह खूबसूरत … Read More
Corona Se bachaav par kavita कोरोना से बचाव पर कविता मास्क लगाकर,दूरी रखिये , चाहो यदि निज खैर । अनदेखी न करना मेरा – नहीं किसी से बैर ।।1।। स्वस्थ … Read More
Chhand Bhujangaprayaat छंद-भुजंगप्रयात करो मातु दाया न जागे जगाए न बोले बुलाए। नहीं जीव जैसा कभी दीख पाए।। हिलाओ-डुलाओ कभी भी न डोले। पड़ी लाश जैसा नहीं आँख खोले।। बड़ा … Read More
मन की विवेचना Man Kee Vivechana अनुराग अनुभूति मिला आज आनुषंगिक, निरूपम अद्वितीय शून्यता हुआ! देख अपकर्ष अपरिहार्य के साथ। यदा-कदा अनुकंपा, अनुकृति अहितकर असमयोचित इंद्रियबोध रहित! अक्षम अनभिज्ञ … Read More
Chaamar chhand saar saar shaarade सार-सार शारदे चामर छंद विधान- रगण जगण रगण जगण रगण 212 121 212 121 212 मातु शारदे सदा विराजती रहो हिए। छंद शास्त्र ज्ञान दान … Read More
Hindi Kavita khoonkhaar Bhediya खूंखार भेड़िए हो! रिश्ता गहरा तुम्हारा हमारा एक अटूट प्रेम हममें तुममें कभी हंसते थे खिलखिलाते थे मीठी- मीठी बातें बतियाते थें मर मिटते थे एक … Read More
poem on maa durga जय माता दी आया हूं तेरे द्वार, माता शेरावाली। दे दे अपना प्यार, माता शेरावाली। दूर कहीं पर बैठे-बैठे, तू संसार चलाये। तेरे आगे देव और … Read More
जानवर भीतर का जानवर भीतर का न जाने कब से देहगाड़ी पर भीतर के मरे हुए पशु को ढोते रहे यूँ ही हर बार फेंकते रहे सड़क पर बियाबान में … Read More
Poem on hindu new year विश्व व्यापी महामारी कोरोना से भयभीत जगत को, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 की, निम्नांकित रचना के माध्यम से … Read More
ख़तरा भीतर से है ख़तरा भीतर से है बाहर से नहीं चाहे वैचारिक हो या सामाजिक बध किया है हमेशा हमारी शक्तियों का आंतरिक दुर्बलताओं ने नहीं बोने देना चाहिए … Read More
Hindi Poems of Sampurnanand Mishra क्रूर काल ग्रास हो गया क्रूर काल का तीस साल में ही रामू विधवा बना दिया पत्नी को भरी जवानी में छिप-छिप कर रोने लगी … Read More
Saraswati Vandana-सरस्वती वन्दना/सीताराम चौहान पथिक सरस्वती- वन्दना । शुभ्र ज्योत्स्ना ज्ञानमयी मां , स्नेह प्रेम सद्बुद्धि प्रदाता । विश्व तॄषित चातक समान यह स्वाति – बूंद बरसा दो माता। तार … Read More
होली पर लिखी कविता | Holi kavita poem 2021 पावन होली के सुअवसर पर, ढेरों शुभ कामनाओं के साथ, होली से सम्बंधित कुछ भाव सुमन सस्नेह समीक्षार्थ निम्नवत् प्रस्तुत हैं:– … Read More
Ish-vandana kavita : दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की रचना ईश- वंदना कविता में नव-युवाओ और राष्ट्रीय नेताओं को संमार्ग पर चलने और भारतीय संस्कृति अपनाने की प्रार्थना … Read More
Poem on sali in hindi| sali par kavita lines|साली एक गाली साली एक गाली साली एक गाली है औ’, गाली इक साली है, साली की तो भैया बस, बात ही … Read More