मरती संवेदनाएं/डॉ.संपूर्णानंद मिश्र | maratee sanvedanaen

मरती संवेदनाएं/डॉ.संपूर्णानंद मिश्र  – maratee sanvedanaen मरती संवेदनाएं आज संवेदनाएं    मर चुकी हैं स्वार्थपरता की भट्ठी   में पूरी तरह जर चुकी हैं दैवीय आपदाओं से मरते हुए घुरहू, … Read More

परिवर्तन-parivartan hindi kavita-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

 parivartan hindi kavita परिवर्तन परिवर्तनशील है यह संसार यह ध्रुव सत्य है नहीं है इसमें कोई संदेह आज जो चल रहा है कल बिल्कुल नहीं होगा नहीं संकोच करती है … Read More

एक मुट्ठी राख -hindi poetry ek mutthee raakh

 hindi poetry ek mutthee raakh  एक मुट्ठी राख एक मुट्ठी राख में सब हुस्न उसका मिल गया , प्रेम की प्रतिमा थी वह , देखा कलेजा हिल गया , सौन्दर्य … Read More

पेंशनर्स की व्यथा-penshanars kee vyatha-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

 penshanars kee vyatha *पेंशनर्स की व्यथा* —————————– खो देता है बुद्धि, विवेक मनुष्य प्राप्त करने में इसको‌ रेत देता है गला संबंधों का भी बड़ी ताकत होती है पैसे में … Read More

bhagwan shri ram par kavita- सीता राम चौहान पथिक

 bhagwan shri ram par kavita कहां मिलेंगे राम ॽ     बोल अवध की माटी – तू ही, कहां मिलेंगे राम ॽ तेरी ही माटी में खेले थे – त्रेता … Read More

itihaas likhata raha/इतिहास लिखता रहा- डॉ. सम्पूर्णान्द मिश्र

itihaas likhata raha:  डॉ  सम्पूर्णान्द मिश्र की  रचना  इतिहास लिखता रहा  हिंदीरचनाकर  पाठको के  सामने प्रस्तुत है   इतिहास लिखता रहा कुछ समय निकाल कर      हंस लूंगा   चाहे … Read More

rashtiya vedana hindi kavita/राष्ट्रीय वेदना हिंदी कविता

rashtiya vedana hindi kavita :  सीताराम  चौहान पथिक  की रचना  राष्ट्रीय वेदना  हिंदी  कविता   देशभक्ति   की  भावना  जाग्रत  करती  है  प्रस्तुत  है  रचना     राष्ट्रीय – वेदना ।  भारत    मेरा  … Read More

bhadhak hota hai moh/बाधक होता है मोह-डॉ.संपूर्णानंद मिश्र

bhadhak hota hai moh:  डॉ.संपूर्णानंद मिश्र की रचना बाधक होता है मोह हिंदी रचनाकार पाठको के सामने प्रस्तुत है  बाधक होता है मोह बाधक होता है मोह लक्ष्य में अपने … Read More

ravan hindi kavita/रावण  पर  हिंदी कविता 

(ravan hindi kavita) रावण  पर  हिंदी कविता  रावण    रावण, क्यों बना रावण ॽ यह उसकी पहली और आखिरी गलती नहीं थी क्यों चूराया उसने सीता को ॽ उसके पास … Read More

sangrsh hindi kavita- संघर्ष/डॉ. संपूर्णानंद मिश्र

 sangrsh hindi kavita- संपूर्णानंद मिश्र संघर्ष कामयाबी की ‌ सीढ़ियों पर चढ़ना चाहि‌‌ए हमेशा धीरे-धीरे ‌ ख़तरा होता है ‌‌    ऊंची छलांग में ‌    ऊंची छलांग में शिनाख़्त मिटा देता है ‌ आदमी अपनी भय होता है हमेशा गिरने का खिसक जाती है अपनी ज़मीन सुननी चाहिए आत्मा की आवाज़ ‌  संघर्ष की भट्ठी में तपाना चाहिए अपने को कुंदन बनने के लिए ज़रूरत पड़ती है ‌‌  तीक्ष्ण आंच की जलाना पड़ता है स्व को गलाना भी पड़ता है … Read More

shaeed shailendra pratap par kavita-दयाशंकर

shaeed shailendra pratap par kavita शहीद शैलेन्द्र प्रताप पर कविता   बालक शैलेन्द्र का बाल्यकाल, ग्रामांचल मध्य व्यतीत हुआ।   प्रारंभिक शिक्षा हेतु माता ने, ननिहाल नगर को भेज दिया । … Read More

kavita hindi diwas मेरे प्राणों सी प्रिय हिंदी/दयाशंकर

(Kavita   hindi diwas) मेरे प्राणों सी प्रिय हिंदी मेरे प्राणों सी प्रिय     हिंदी, सुखदा वरदा भवदा ललाम। जो गूंज रही है जन जन में, नित प्रगति पंथ मत ले … Read More

Deep jale ujiyara ho-हरिश्चंद्र त्रिपाठी

दीप जले उजियारा हो ।  (Deep jale ujiyara ho) हर चौखट पर दीप जले उजियारा हो, साथ  बढ़ें सब, सबमें  भाईचारा  हो। गहन तमस की निद्रा तोड़ो जागो तुम, जीवन … Read More

Kavita on migrant labour-परम हंस मौर्य

 Kavita on migrant labour परम हंस मौर्य     मजदूरो की मजबूरी पांवो मे पड़ गये छाले है खाने को नहीं निवाले हैं। ये सब देख कर भी तू कहता … Read More

Gaanv ki khushboo-गांव की खुशबू / डॉ. सम्पूर्णानंद मिश्र

 Gaanv ki khushboo गांव की खुशबू शहर की भीड़-भाड़ कोलाहल से दूर एक सड़क जाती है मेरे गांव को एक अलग सी महक नासिका में घुल जाती है और मानवता … Read More