kavita khilaaf hai jhooth-ख़िलाफ़ है झूठ/ सम्पूर्णानंद मिश्र

kavita khilaaf hai jhooth ख़िलाफ़ है झूठ फल है तुम्हारी निरंतर साधना का मिला है जिस वजह से नाम तुम्हें यह सच का घबराते हैं तुम्हारी प्रखरता से झूठ के … Read More

poem on matrbhasha in hindi/मातृभाषा हिंदी-अखिलेश प्रताप सिंह

poem on matrbhasha in hindi मातृभाषा हिंदी अंग्रेजी या आंग्ल भाषा, का चुभता सदा है शूल,  हिंदी हिंदुस्तान की भाषा, सब गए हैं भूल  ।।  माँ”, पिताजी कहने में, अब … Read More

poetry on manzil | मंजिल के पास पहुँचकर भी हारती रही मैं – कल्पना अवस्थी

 poetry on manzil   मंजिल के पास पहुँचकर भी हारती रही मैं   मंजिल के पास पहुँचकर भी हारती रही मैं फिर भी बिखरे सपनों को संवारती रही मैं लड़ती … Read More

Maa par kavita-ममता का आँचल/सीताराम चौहान पथिक

 Maa par kavita       ममता  का  आँचल मां , मुझे इक बार आंचल  में , छिपा लो —-थक गया    हूं  । ममता भरी  लोरी सुना  दो  , … Read More

maa par kavita in hindi-माँ का जाना और यह सूनापन/शैलेन्द्र कुमार

 maa par kavita in hindi माँ  का जाना और यह  सूनापन हो   गए    कंधे सूने   मेरे जिन पर हाथ रख तुम  चला करती थी। हो गई  हथेलियाँ सूनी जिनमें … Read More

jeevanadaayinee saansen | hindi kavita- सम्पूर्णानंद मिश्र

jeevanadaayinee saansen  जीवनदायिनी सांसें विवेक की चलनी में  चल जाती है जब बुद्धि तब मनुष्य अनैतिकता की  ज़हरीली हवा से  विमुक्त होकर नैतिकता की किताब पढ़ने लगता है और वह … Read More

mens day special poem in hindi -गहराई | कल्पना अवस्थी

mens day special poem in hindi गहराई सागर सी गहराई होती है मन में कितनी जिम्मेदारियाँ भरी हैं जीवन में चाह कर भी खुद को किसी से बयाँ नहीं करते कुछ जख्म ऐसे है इनके, जो कभी नहीं भरते चाहे जितना दुख भरा हो, फिर भी मुस्कराना पड़ता है तुम पुरुष हो रो नही सकते, ऐ जताना पड़ता है हर किसी की ख़्वाहिश को पूरा करने की, इनपर जिम्मेदारी है अपने द्वंद्व को किसी से बांट नहीं सकते, इस बात की लाचारी है सुबह निकलते है काम पर कि घर सम्हाल सकें घिर गए हैं इस कदर व्यस्तता में कि कुछ समय अपने लिए भी निकाल सकें नहीं रहता होश खुलकर मुस्कुराने का पुरुष को हमेशा मजबूत ही रहना है ए कैसा नियम है जमाने का सारी दुनिया की अच्छाई-बुराई बस सहते ही जाना है पर कितनी पीड़ा छिपी है मन में ऐ किसी ने कहाँ जाना है इक पिता, पति, भाई, मित्र,पुरुष के कुछ रूप हैं स्त्री यदि गर्मी की छाया तो पुरुष सर्दी की धूप है … Read More

आत्महत्या- hindi poem suicide| Aatmhatya kavita

 आत्महत्या (लैटिन suicidium, sui caedere से, जिसका अर्थ है “स्वयं को मारना”) जानबूझ कर अपनी मृत्यु का कारण बनने के लिए कार्य करना है। आत्महत्या अक्सर निराशा के चलते की … Read More

सोशल मीडिया पर कविता – poetry in social media- शैलेन्द्र कुमार

poetry in social  media  सोशल मीडिया कोई मंच ऐसा हो कोई जगह ऐसी हो जहाँ  साझा कर सकें सुख जहाँ व्यक्त कर सकें पीड़ा जहाँ रो सकें मन भर जहाँ … Read More

मृत्यु हिंदी कविता-डॉ०सम्पूर्णानंद मिश्र

मृत्यु हिंदी कविता-डॉ०सम्पूर्णानंद मिश्र मृत्यु शाश्वत सत्य है मृत्यु आती है जीवन में एक बार नहीं भयभीत होना चाहिए  यह विश्व सुंदरी होती है   कोई अज्ञानी ही  ठुकरा सकता … Read More

एक और द्रौपदी-ek aur draupadee-डॉ सम्पूर्णानंद मिश्र

 ek aur draupadee एक और द्रौपदी     मंडरा रहा है  अविश्वास, झूठ  छल,फरेब का ख़तरा   चारों ओर  जीना पड़ेगा  सावधान सतर्क चौकन्ने   चांपा जा रहा है गला … Read More

पड़ोसी खतरनाक है-padosee khataranaak hai

padosee khataranaak hai  पड़ोसी खतरनाक है ।  सावधान प्रिय देश- पड़ोसी खतरनाक है , सीमा पर खूनी खेल-हुई अब आम बात है , अब तलक पियेगा ज़हर,उगलने की बारी है, … Read More

Hindi poems|hindi kavita| हिंदी कविताएं

Hindi poems|hindi kavita| हिंदी कविताएं आशीर्वचन तुम्हारे ही हैं  जीवन   मे जो    भी सुन्दर  है उसमे अपनी क्या      प्रभुताई गीतों   मे    जो  गाता    रहता आशीर्वचन  … Read More

लोरी | Lori lyrics in hindi -सीताराम चौहान पथिक

Lori lyrics in hindi  लोरी   सो जा राजकुमारी, सो- जा । दूर – दूर से पंछी आए , गीत मधुर सबके मन भाए, मीठे सपने तुझे बुलाए  , सपनों में … Read More

नहीं है बोलने का समय-nahee bolane ka samay

nahee bolane ka samay  नहीं है बोलने का समय नहीं है  बोलने का समय यह बिल्कुल नहीं है और न ही देखने का क्योंकि जिन लोगों ने नग्न चेहरा सच … Read More