लक्ष्य बनाकर चलना सीखो / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’
लक्ष्य बनाकर चलना सीखो / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ लक्ष्य बनाकर चलना सीखो,बन कर फूल महकना सीखो।1।धरा-गगन सब बनें सहायक,ऋतु सा रूप संवरना सीखो।2।मीठी सरस मधुर वाणी में,कोयल सा तुम कहना … Read More