बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak
बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak पुष्प और कंटक छंद-दुर्मिल यह कैसा संकट,पथ के कंटक,फिर-फिर शीश उठाते हैं। ये डाली-डाली,हे उर माली,देखे पुष्प लुभाते हैं।। जो … Read More
बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak पुष्प और कंटक छंद-दुर्मिल यह कैसा संकट,पथ के कंटक,फिर-फिर शीश उठाते हैं। ये डाली-डाली,हे उर माली,देखे पुष्प लुभाते हैं।। जो … Read More
प्रिय भाषा हिंदी / श्रवण कुमार पांडेय पथिक प्रिय भाषा हिंदी भाग्यशाली हूँ मैं जब जन्मा तो प्रथम, बधाई मिली मेरे पूज्य बाबा जी को, दादा आपके नाती पैदा हुआ … Read More
राष्ट्रभाषा हिंदी की हमारे देश में क्या स्थिति है – सीमा श्रीवास्तव विश्व में बहुत से देश है और सभी देशों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है, भारत एक धर्मनिरपेक्ष … Read More
हिंदी की महत्ता / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र हिंदी की महत्ता आदिकाल से हिंदी की अपनी एक महत्ता है। विभिन्न भाषा- भाषियों के बीच इसकी सत्ता है।। सूर, कबीर, तुलसी का … Read More
हिंदी पर छोटी सी कविता | short poem on hindi diwas हिन्दी का खोया सम्मान। संविधान ने देवनागरी हिन्दी , को सम्मान दिया । जन-जन की भाषा … Read More
Sankat- संकट / बाबा कल्पनेश | ullaala chhand संकट विधा-उल्लाला छंद जय उल्लाला जय कहो,जय बोलो हनुमान की। दत्त चित्त हो जय लिखो,भारत राष्ट्र महान की।। आतंकी की जय हुई,हार … Read More
Bharat Kaise Shreshth Ho – भारत कैसे श्रेष्ठ हो / सीताराम चौहान पथिक भारत कैसे श्रेष्ठ हो ॽ स्नेह गया आदर गया , नैनन रही ना लाज । सास- ससुर … Read More
Swapn Mein tum – स्वप्न में तुम / सीताराम चौहान पथिक स्वप्न में तुम स्मृतियां मधुर स्वर्णिम सुखद, स्वागत तुम्हारा आगमन । ऋतु शिशिर में वासन्ति तुम , मधुवन में … Read More
Daanavee Sahagaan – दानवी सहगान / बाबा कल्पनेश गीतिका दानवी सहगान गीतिगा छंद विश्व में खतरा बढ़ाये,आग यह अफगान की। सँभल करके कदम रखना,चाल यह हैवान की।। आग कब पहचान … Read More
कॄष्ण जन्माष्टमी | Janmashtami Poem in Hindi कॄष्ण जन्माष्टमी काल- कोठरी कंस की , अवतरित हुए नंद लाल । किए मुक्त माता-पिता , हुई मथुरा अवनि निहाल । कुरुक्षेत्र … Read More
कृष्ण जन्माष्टमी कविता | Krishna janmashtami hindi poetry आ जाओ कान्हा प्यारे चलता रहेगा जीवन तेरी प्रीत के सहारे । राह देखती अंखियाँ मेरी आ जाओ कान्हा प्यारे। वृंदावन की … Read More
जय-जय मदन गोपाल की / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर , ढेरों शुभ कामनाओं के साथ सादर, हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ की रचना पाठको के सामने प्रस्तुत … Read More
Jaago- Jaago Gopala – जागो- जागो गोपाला / सीताराम चौहान पथिक जागो- जागो गोपाला जागो -जागो गोपाला , हुई भोर, उठो नंद लाला । गोकुल की धेनु रंभावै , गोपियां – … Read More
Ruchi Savaiya – रुचि सवैया / बाबा कल्पनेश रुचि सवैया विधान-212×7+2 कौन सी है दिशा जान पाया नहीं अज्ञता में फँसा घूमता हूँ। मोह की है सुरा आज देखो पिया … Read More
हिन्दी दिवस पर कविता | Poems on Hindi Diwas in Hindi १४ सितम्बर १९४९ जब भारत सरकार ने निर्णय लिया हिन्दी दिवस मनाने का भारत देश में , इस दिन … Read More