अग्नि बिछौना / बाबा कल्पनेश
अग्नि बिछौना / बाबा कल्पनेश प्रेम पंथ पर आगे बढ़ना,अपनी है कमजोरी।अग्नि बिछौने के आसन पर,बैठी गोरी-भोरी।।नयनों के डोरे से खींचे,आओ मेरे स्वामी।सुनकर गिरा पाँव कब रुकते,उरतल जब अतिकामी।। प्रेम … Read More
अग्नि बिछौना / बाबा कल्पनेश प्रेम पंथ पर आगे बढ़ना,अपनी है कमजोरी।अग्नि बिछौने के आसन पर,बैठी गोरी-भोरी।।नयनों के डोरे से खींचे,आओ मेरे स्वामी।सुनकर गिरा पाँव कब रुकते,उरतल जब अतिकामी।। प्रेम … Read More
चकाचौंध की दुनिया / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र घुल गया है ज़हरचकाचौंध की दुनिया मेंजहां हर चेहरा एक राजदार है और उसकी सोचउतनी ही धारदार हैइस दुनिया की रेल- पटरी से … Read More
Asha Shailee Gazal | आशा शैली की ग़ज़ल मसले को बड़े प्यार से सुलझाना चाहिएहाँ, चाहतों को दिल भी तो दीवाना चाहिए सजदे कुबूल होंगे एक दिन यकीन हैउसकी गली … Read More
क़लम (Kalam Hindi Kavita) आप लिख-लिख कर ,क़लम घिस जाएंगे ।ये जो है – चिकने घड़े ,रंगत नई दिखलाएंगे ।। आज भ्रष्टाचार बे-ईमानियो ,का – – – – – दौर … Read More
स्त्री स्त्री जब तक त्यागी है,तभी तक सबकी प्यारी है!अधिकार ,धरम इसका ना पुछो कितना इसने छोड़ा है ,इसके हर शब्दों को समझो ,अपनो के ये मारी है !स्त्री जब … Read More
दे दे रे मॉ,इतना वर दे दे दे रे मॉ , इतना वर दे,देश मेरा खुशहाल रहे।हर हाथों को ,काम सौंप दे,हर घर मालामाल रहे । ना जानूॅ मैं पूजन … Read More
हृदयविदारक घटना( लखीमपुर की) किसने दे दिया अधिकारबूढ़ों को सड़क पर चलने काउन्हें तो घर में रहना चाहिएबिल्कुल घर मेंवह भी शांत भाव सेबिना शोर- शराबा केचाहे कोई कुछ भी … Read More
लाचारी | Hindi Gazal Lachari हर साथ ढूंढता है कोई ,बस – साथ के लिए ।हर हाथ ढूंढता है कोई ,इक हाथ- – के लिए ।। कितना बदल गया है … Read More
नदी जब तलक नदी बनकर जिएंगेलाखों की प्यास बुझाते रहेंगेसमुन्दर से मिलने की चाहत में तोअपनों से बहुत दूर चले जायेंगेकब किसी की प्यास बुझी है समुंदर सेनदी की दो … Read More
बार -बार प्रश्नो के प्रियवर, तीर तुमहे सहने होंगे ,तुम झूठ ना होकर भी बंधु,झूठे ही कहलाओगेविष अपमानो के भी तुमको संग -संग पीने होंगे |तीर तुमहे सहने …..चलना होगा … Read More
पाँव पखेरू पिया जब पांवों की पायल करती छन छन शोर सुंदर भाव उकेरती तब होती हैं भोर मन मंदिर में दहकती वह कन्या चितचोर अंखियों से बातें करती दिल … Read More
शान्ति का मसीहा बीत जाएंगे हजारों वर्ष- लेकिन,याद हॄदय से भुलाई जाएगी ना ही कभी।आएंगे स्मरण जब जीवन के अंतिम क्षण ,आँसू बहाएंगे कोटि नर- नारी सभी।। लेखनी लिखती रहेंगी … Read More
सत्य है पुंज प्रकाश का / वेदिका श्रीवास्तव न्याय -न्याय बस चिल्लाने से न्याय नहीं मिल जाता है ,सत्य है पुंज प्रकाश का ,खुद अपनी राह बनाता है | भीगे … Read More
किस्मत की रेखा ख़्वाबों की दहलीज पर खींची हुई एक रेखा हैं।जिसके एक ओर अपने,एक ओर सपनों को देखा है।। आसान नहीं डगर बड़ी ही कंकरीट, पथरीली होती हैं।दिखे ना … Read More
कविता टाइफायड में आज मैं लिखरहा हूं कविता टाइफायड मेंक्यों लिख रहा हूंनहीं समझ पा रहा हूंहां आज मन कुछ उदास हैक्योंकि नहीं कोई मेरे पास हैजब मैं स्वस्थ थातो … Read More