आओ जी करके देखें वतन के लिए / राजेन्द्र वर्मा’ राज’
आओ जी करके देखें वतन के लिए जी लिए हम बहुत अपने -अपने लिए। आओ जी करके देखें वतन के लिए।। ये गुलाबों की सुर्ख़ी लहू उनका है। जान … Read More
आओ जी करके देखें वतन के लिए जी लिए हम बहुत अपने -अपने लिए। आओ जी करके देखें वतन के लिए।। ये गुलाबों की सुर्ख़ी लहू उनका है। जान … Read More
Kraanti- Geet | क्रांति- गीत / सीताराम चौहान पथिक क्रांति- गीत मम हॄदय नवल ज्वाला सुलगा , जो सुलग रही प्रचण्ड कर । है शिथिल हॄदय मनु का अभी बुझती … Read More
महाभुजंगप्रयात विधान-24 वर्ण,8 यगण,12,12 वर्णों पर यति मापनी-122×8 हिलाया-डुलाया कहाँ डोलता है, लगे ज्यों मरा हो कहाँ बोलता है। बुरा आप मानें भला आप मानें, नहीं ये कभी भी सही … Read More
अन्तर्स्वप्न | ‘फुलवारी’ पर एक बाल गीत / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ अन्तर्स्वप्न सुनहरी भोर की बेला , धरा का रूप अलबेला। लगे हैं पंख सपनों को सुहाना स्नेह का मेला … Read More
Baalgeet Saamoohik Khel बाल- गीत सामूहिक खेल एक बच्चा – ता – ता तपडी , जाले में मकड़ी , मकड़ी ने जकड़ी, एक मक्खी तगड़ी । सभी बच्चे – हां … Read More
Sainik Ke Munh Se – सैनिक के मुंह से | देश गीत सैनिक के मुंह से ( देश गीत) ————————- वतन पर हम मिटें हैं हम, वतन के मीत कहलाते। … Read More
Best Ghazal Of Asha Shaili – आशा शैली की चुनिंदा ग़ज़ले आशा शैली की चुनिंदा ग़ज़ले १. तरबतर हो गया इक अश्क से सहरा कैसे, इस कदर दर्द का दरया … Read More
Bal – Sahitya | Pankho Waala Ghoda – पंखो वाला घोड़ा/ सीताराम चौहान पथिक बाल – साहित्य पंखो वाला घोड़ा पंखो वाला घोड़ा ला दे , मां , मैं उस … Read More
पाने की आशा विरह की वेदना तारों से, चन्दा तक चली आई। न मैं समझा न वो समझे, बहारों तक चली आयी।। पपीहे ने कहा मुझसे, किधर … Read More
बारिश पर बाल कविता | Varsha ritu par kavita बरखा रानी ,बरखा रानी। बरखा रानी , बरखा रानी , उमड़-घुमड़ कर बरसो पानी ।। सूखी ताल-तलैया देखो , हॉफ … Read More
कलियुग में दो श्रवण कुमारों की गाथा- सीताराम चौहान पथिक कलियुग में दो श्रवण कुमारों की गाथा । प्रथम गाथा दिल्ली धन्य हुई जब उसने , एक श्रवण को … Read More
चकराए हैं | मित्रता – सम्पूर्णानन्द मिश्र चकराए हैं ईश्वर ने मनुष्य का निर्माण सिर्फ़ दो रंगों से किया श्याम और गौर वर्ण ज़रूरत पड़ने पर एकाक रंग और भी … Read More
रामचरितमानस | गुरुर्प्राथना | सावन – बाबा कल्पनेश रामचरितमानस रामचरित मानस की रचना,करके तुलसीदास। भारत के हर हृदय-हृदय में,करने लगे प्रवास।। राम ब्रह्म व्यापक अविनाशी,अवध लिए अवतार। रामचरितमानस है … Read More
Bharat Mera Desh | भारत – मेरा देश भारत – मेरा देश भारत मेरा देश है, मेरे जीवन का सार । भगवन मेरे देश को , देना शक्ति अपार । … Read More
Mujhe Pata Hai / मुझे पता है – रश्मि संजय श्रीवास्तव मुझे पता है मुझे पता है .. तुम्हे अच्छा लगता है.. मेरा अपलक तुम्हे निहारते रहना! कनखियों से देखना, … Read More