मुझे जीना है | अरदास | रश्मि लहर
मुझे जीना है | अरदास | रश्मि लहर ‘मुझे जीना है’ मुझे पता है..छूट जाना है ये जग!पक्षियों की गुंजित सीये खिलखिलाहटये इंतजार करते पथ!नेह सहेजते पथिक..स्वप्न दिखाते श्रमिककिसानों के..आसमान … Read More
मुझे जीना है | अरदास | रश्मि लहर ‘मुझे जीना है’ मुझे पता है..छूट जाना है ये जग!पक्षियों की गुंजित सीये खिलखिलाहटये इंतजार करते पथ!नेह सहेजते पथिक..स्वप्न दिखाते श्रमिककिसानों के..आसमान … Read More
जागरण गीत अब तो तू उठ जाग,भला क्यों सोया है ,चिन्तन कर सौ बार,कहॉ क्या खोया है।टेक। कण-कण रक्त सनी यह धरती,गुम सुम गंगा – जमुना बहती ।तरु-तर में आक्रोश … Read More
चिपकी मलाई | सम्पूर्णानंद मिश्र होनी चाहिए भाषा मीठीक्योंकिभाषा बांधती हैआकृष्ट करती है सबकोभाषा का माधुर्यआईना दिखाती हैहमारे संस्कारों कालेकिनअतिशय मीठी भाषा हमेंलक्ष्य से भटका देती हैदरअसलजब मीठी भाषासजती, संवरती … Read More
मीन और मीनाक्षी | सीताराम चौहान पथिक मीन :मैं मीन तू मीनाक्षी ,संतुष्ट मै तू क्यों नहीं ॽसमझी, तू महत्वाकांक्षी।बैठ मेरे पास हे मीनाक्षी । मेरा निलय जल-कुंड ,मैं संतुष्ट … Read More
तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश तेरी सुधि की अमराई से तेरी सुधि की अमराई से,मलय सुरभि ले आता है।मेरी उखड़ी सॉसों को प्रिय,सन्देश … Read More
मुक्तक एक कदम तुम भी चलो एक कदम हम भी चलें,आस्था भरे पग धरो इन्तजार मे हैं मंजिलें – श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर की … Read More
कोई कली बगिया में जब खिलने को होती है कोई कली बगिया में जब खिलने,को होती है,बगिया को महकाएगी ये आस लिए होती है ,नाजुक सी प्यारी सी उपवन में,कितनी,सुन्दर … Read More
व्यथा हिंदी कविता / वेदिका श्रीवास्तव नैतिकता तो खो सी गयी और मानवता का पूछो मत ,सरकारी हो य़ा व्यक्तिगत लाभ कमाना चाहे सब ,बड़ी व्यथा है ,बड़ी व्यथा है … Read More
मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश राग द्वेष का जहां तिमिर है साथ साथ मिल दूर भगाएं मिल कर आपस में हम अपने मन के … Read More
रचनाकार बाबा कल्पनेश की हिंदी कविताएं १.दीपक गान जहाँ पर घूर जलाकर दीप।करो उजियार पले सुख सीप।।तभी यह पर्व बने खुशहाल।रहे तब उच्च सदा निज भाल।। प्रकाश मिले सबको भरपूर।मिटे … Read More
रचनाकार हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ की हिंदी कविताएं बाल आवाहन १. आओ हम संकल्प नया लें ले लो दीप दिवाली आई,होंठों पर फिर लाली छाई ।1। नूतन का हम स्वागत करते,उपवन … Read More
क्रोध और अहंकार / सीताराम चौहान पथिक अहंकार जब आ जाता है ,नशा आँख में छा जाता है ।पतन तभी होता है यारो ,अहम मनुज को खा जाता है इतिहास … Read More
दीप जलायें मन के सारे / डा. रसिक किशोर सिंह नीरज दीप जलायें मन के सारे,मिट जायें तम के अंधियारेरह न जाये कोई कोनामिट्टी भी हो जाये सोना। सदा राष्टृ … Read More
ग़ज़ल बिछुडता है दिले- दिलबर | Ghazal Bichhuta Hai Dile Dilbar बिछुडता है दिले- दिलबर ,तो दिल ना- साज होता है ।तडपता है सुबह और शाम ,बे-आवाज होता है ।। … Read More
आओ!अब मातम मनाएं | Hindi Kavita Aao Maatam Manaen दिल्ली में न हिंदू मरान मुसलमान सिर्फ़ इंसान मराआओ!अब अपने नापाकहाथों की कुछ धूल झाड़ आएंचलो घटनास्थलका दौरा कर आएं ! … Read More