डॉ. चक्रधर नलिन का जीवन परिचय | Biography of Dr. Chakradhar Nalin

डॉ. चक्रधर नलिन का जीवन परिचय | Biography of Dr. Chakradhar Nalin सुप्रसिद्ध कवि , लेखक , बाल साहित्यकार एवं हिंदी सेवी डॉ. चक्रधर नलिन की स्मृति एवं अनवरत रचनाधर्मिता … Read More

जागरण गीत | सजल | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’हरीश’

जागरण गीत अब तो तू उठ जाग,भला क्यों सोया है ,चिन्तन कर सौ बार,कहॉ क्या खोया है।टेक। कण-कण रक्त सनी यह धरती,गुम सुम गंगा – जमुना बहती ।तरु-तर में आक्रोश … Read More

चिपकी मलाई | सम्पूर्णानंद मिश्र

चिपकी मलाई | सम्पूर्णानंद मिश्र होनी चाहिए भाषा मीठीक्योंकिभाषा बांधती हैआकृष्ट करती है सबकोभाषा का माधुर्यआईना दिखाती हैहमारे संस्कारों कालेकिनअतिशय मीठी भाषा हमेंलक्ष्य से भटका देती हैदरअसलजब मीठी भाषासजती, संवरती … Read More

मीन और मीनाक्षी | सीताराम चौहान पथिक

मीन और मीनाक्षी | सीताराम चौहान पथिक मीन :मैं मीन तू मीनाक्षी ,संतुष्ट मै तू क्यों नहीं ॽसमझी, तू महत्वाकांक्षी।बैठ मेरे पास हे मीनाक्षी । मेरा निलय जल-कुंड ,मैं संतुष्ट … Read More

तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश

तेरी सुधि की अमराई से | हिंदी कविता | हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश तेरी सुधि की अमराई से तेरी सुधि की अमराई से,मलय सुरभि ले आता है।मेरी उखड़ी सॉसों को प्रिय,सन्देश … Read More

आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत

आधार छंद वंशस्थ | बाबा कल्पनेश | हिंदी गीत आधार छंद-वंशस्थ उषा प्रभा गान करे सुना करो।जगी रहो और सदा गुना करो।। प्रिये सदा प्रेम भरी रहा करो।द्वेष भरे भाव … Read More

तीन बाल कविताएं | baal kavita in hindi

तीन बाल कविताएं | baal kavita in hindi १. बेचारा छात्र नीचे स्वाटर ऊपर स्वाटर , बीच    में    कमीज़    । टाई  सीधी   बांध     ले  , सीख   ले      तमीज    ।। … Read More

चलो गगन में तितली बनकर । Hindi Poem for Kids

चलो गगन में तितली बनकर । Hindi Poem for Kids चलो गगन में तितली बनकर,दूर घूम कर आयें हम ।देखें कितनी सुन्दर दुनिया,शाम ढ़ले घर आयें हम।टेक। बड़ा अजूबा लगता … Read More

श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर की हिंदी कविता

मुक्तक एक कदम तुम भी चलो एक कदम हम भी चलें,आस्था भरे पग धरो इन्तजार मे हैं मंजिलें – श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर श्रवण कुमार पांडेय पथिक फतेहपुर की … Read More

कोई कली बगिया में जब खिलने को होती है / वेदिका श्रीवास्तव

कोई कली बगिया में जब खिलने को होती है कोई कली बगिया में जब खिलने,को होती है,बगिया को महकाएगी ये आस लिए होती है ,नाजुक सी प्यारी सी उपवन में,कितनी,सुन्दर … Read More

दम्पत्ति- संवाद / सीताराम चौहान पथिक

दम्पत्ति- संवाद / सीताराम चौहान पथिक पत्नी-मेरे जीवन साथी, मैं दिया और तुम बाती ।जीवन में भरें प्रकाश, लिखें नव कथा प्रेम की पाती ।।मैं सीता और तुम राम, मैं … Read More

हम और हमारी आजादी / सीताराम चौहान पथिक

हम और हमारी आजादी / सीताराम चौहान पथिक आज आजादी की शम्मा ,जल-बुझ रही है दिन ब दिन।जज्बे आजादी की धुन ,मिट रही है दिन ब दिन ।। ऐ खुदा … Read More

व्यथा हिंदी कविता / वेदिका श्रीवास्तव

व्यथा हिंदी कविता / वेदिका श्रीवास्तव नैतिकता तो खो सी गयी और मानवता का पूछो  मत ,सरकारी हो य़ा व्यक्तिगत लाभ कमाना चाहे सब ,बड़ी व्यथा है ,बड़ी व्यथा है … Read More

मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश

मन के जगमग दीप जलाएं / डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश राग द्वेष का जहां तिमिर है साथ साथ मिल दूर भगाएं मिल कर आपस में हम अपने मन के … Read More

रचनाकार बाबा कल्पनेश की हिंदी कविताएं

रचनाकार बाबा कल्पनेश की हिंदी कविताएं १.दीपक गान जहाँ पर घूर जलाकर दीप।करो उजियार पले सुख सीप।।तभी यह पर्व बने खुशहाल।रहे तब उच्च सदा निज भाल।। प्रकाश मिले सबको भरपूर।मिटे … Read More