Virah ki Agni / विरह की अग्नि- भारमल गर्ग

विरह की अग्नि बिंदी माथे पे सजाकर कर लिया सोलह श्रृंगार ।प्राणप्रिय आपकी राह में बिछाई पुष्प वह पगार ।। शय्या पर भी चुनट पड़ी बोले सारी सारी रात ।नींद … Read More

कटु – सत्य / सीताराम चौहान पथिक

कटु – सत्य मानव जीवन का अंतिम कटु सत्य ,धधकती चिता का शमन । देख कर लौटा हूं राजनेता की चिता ।प्रश्न कचोटता है , हॄदय झकझोरता है ,क्या इसी … Read More

अमर धरोहर भरत-वंश की

अमर धरोहर भरत-वंश की। अगर चाहता जीवन को तू,अपने सफल बनाना ,कदम-कदम तू कदम मिलाकर,आगे बढ़ते जाना ।।टेक। लक्ष्य तुम्हारा आगे बढ़कर,तुम्हें सफलता लेनी है,मन में भर उद्दाम लालसा,सीख सभी … Read More

Kaise Ganga Putr – कैसे  गंगा  – पुत्र/  सीताराम चौहान पथिक

Kaise Ganga Putr – कैसे  गंगा  – पुत्र/  सीताराम चौहान पथिक कैसे  गंगा  – पुत्र ।  युगों-युगो से मां गंगे , पर-हित इतिहास तुम्हारा। तॄषित – जनों की प्यास बुझाती … Read More

Aas aur Vishvaas -आस और विश्वास / महेश चंद्र शर्मा ‘राज’

Aas aur Vishvaas -आस और विश्वास / महेश चंद्र शर्मा ‘राज’ आस और विश्वास… मैं  जीवन  के  दोराहे  पर  खड़ा  हूं आस  को  थामे। मैं मंजर साथ सभी  लेकर  बढ़ा … Read More

माली की तलाश | Mali Ki talaash

माली की तलाश | Mali Ki talaash माली की तलाश । आओ तुम को में सुनाऊं , इस    चमन की दास्तां । कैसे  बिखरा पत्ता – पत्ता , कैसे  … Read More

बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak

बाबा कल्पनेश की छंद रचनाएँ | Pushp Aur kantak पुष्प और कंटक   छंद-दुर्मिल यह कैसा संकट,पथ के कंटक,फिर-फिर शीश उठाते हैं। ये डाली-डाली,हे उर माली,देखे पुष्प लुभाते हैं।। जो … Read More

प्रिय भाषा हिंदी / श्रवण कुमार पांडेय पथिक

प्रिय भाषा हिंदी / श्रवण कुमार पांडेय पथिक प्रिय भाषा हिंदी भाग्यशाली हूँ मैं जब जन्मा तो प्रथम, बधाई मिली मेरे पूज्य बाबा जी को, दादा आपके नाती पैदा हुआ … Read More

हिंदी की महत्ता / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र

हिंदी की महत्ता / डॉ० सम्पूर्णानंद मिश्र हिंदी की महत्ता आदिकाल से हिंदी की अपनी एक महत्ता है। विभिन्न भाषा- भाषियों के बीच इसकी सत्ता है।। सूर, कबीर, तुलसी का … Read More

हिंदी पर छोटी सी कविता | short poem on hindi diwas

हिंदी पर छोटी सी कविता | short poem on hindi diwas हिन्दी का खोया सम्मान। संविधान  ने देवनागरी हिन्दी , को       सम्मान    दिया । जन-जन   की   भाषा  … Read More

Sankat- संकट/ बाबा कल्पनेश | ullaala chhand

Sankat- संकट / बाबा कल्पनेश | ullaala chhand संकट विधा-उल्लाला छंद जय उल्लाला जय कहो,जय बोलो हनुमान की। दत्त चित्त हो जय लिखो,भारत राष्ट्र महान की।। आतंकी की जय हुई,हार … Read More

Bharat Kaise Shreshth Ho – भारत कैसे श्रेष्ठ हो / सीताराम चौहान पथिक

Bharat Kaise Shreshth Ho – भारत कैसे श्रेष्ठ हो / सीताराम चौहान पथिक भारत कैसे श्रेष्ठ हो ॽ स्नेह गया आदर गया , नैनन  रही  ना लाज । सास- ससुर  … Read More

Swapn Mein tum – स्वप्न में तुम / सीताराम चौहान पथिक 

Swapn Mein tum – स्वप्न में तुम / सीताराम चौहान पथिक  स्वप्न में तुम स्मृतियां मधुर स्वर्णिम सुखद, स्वागत तुम्हारा आगमन । ऋतु शिशिर में वासन्ति तुम , मधुवन में … Read More

Daanavee Sahagaan – दानवी सहगान / बाबा कल्पनेश

Daanavee Sahagaan – दानवी सहगान / बाबा कल्पनेश गीतिका दानवी सहगान गीतिगा छंद विश्व में खतरा बढ़ाये,आग यह अफगान की। सँभल करके कदम रखना,चाल यह हैवान की।। आग कब पहचान … Read More

कॄष्ण जन्माष्टमी | Janmashtami Poem in Hindi

कॄष्ण जन्माष्टमी | Janmashtami Poem in Hindi   कॄष्ण जन्माष्टमी काल- कोठरी कंस  की , अवतरित हुए नंद  लाल । किए मुक्त माता-पिता , हुई मथुरा अवनि निहाल । कुरुक्षेत्र … Read More