Prarthana | Hindi Prayer Poem| सीताराम चौहान पथिक

Prarthana | Hindi Prayer Poem| सीताराम चौहान पथिक : प्रस्तुत रचना में लेखक प्रार्थना कर रहे है , ईश्वर से कि देश में राम-राज्य हो अर्थात देश की जनता में … Read More

भज ले तू श्री राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

भज ले तू श्री राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ रचना हिंदी रचनाकार पाठको के समक्ष प्रस्तुत है , रचना में लेखक का सन्देश है जब मनुष्य को जन्म प्राप्त हुआ … Read More

हस्ताक्षर बियाबान का /सम्पूर्णानंद मिश्र | New Poetry

हस्ताक्षर बियाबान का /सम्पूर्णानंद मिश्र | New Poetry हस्ताक्षर बियाबान का कोसा जा रहा है वक़्त को इस समय कि ज़ालिम है बेरहम है हस्ताक्षर है उजड़े बियाबान का सिंदूर … Read More

सीता की व्यथा | सीताराम चौहान पथिक

हिंदीरचनाकर के  पाठकों के लिए वरिष्ठ साहित्यकार सीताराम चौहान पथिक की  रचना सीता की व्यथा प्रस्तुत है , रचना में सीता माँ के गुणों को व्यक्त किया गया हैं आदर्श … Read More

रोग बड़ा कोरोना आया / बाबा कल्पनेश

आज हम  बाबा कल्पनेश की दो   रचना  पढ़ेंगे रोग बड़ा कोरोना आया  और गीत श्रृंगार, हमे आशा है कि प्रस्तुत रचनाएं आपको नया सन्देश देंगी।  रोग बड़ा कोरोना आया रोग … Read More

Sad Hindi kavita | मैं और तुम | सीताराम चौहान पथिक

Sad Hindi kavita | मैं और तुम |  मैं और तुम  याद तुम्हारी जब जब आई , तड़पा हूं मैं खूब यहां , तुमको जो मंजूर  नहीं था , रोया … Read More

Short Poem on Nature in Hindi

प्रकृति का कहर कोरोना ज़हर है प्रकृति का कहर है कुत्ता,बिल्ली,सांप, चमगादड़ का भक्षण करके चीन ने इस ज़हर को फैलाया है इन मासूम निर्दोष जीव-जंतुओं को ख़ून के आंसू … Read More

Hasya vyang | पत्नी-चालीसा |पवन शर्मा परमार्थी

Hasya vyang | पत्नी-चालीसा |पवन शर्मा परमार्थी पत्नी-चालीसा हाथ जोड़कर कीजिये, पत्नी को प्रणाम, पूजा उसकी कीजिये, भैया सुबहो-शाम। अपनी प्रिया पत्नी के, बने रहिए गुलाम, इसी तरह किया अगर … Read More

मेरी मां एक नज़्म – सविता चड्ढा

मेरी मां एक नज़्म   मेरी माँ मेरी मां के पास बहुत सीमित धन था उसने मंदिर गुरुद्वारों में कभी लंगर नहीं लगाया था कोई बड़ा दान पुण्य का काम … Read More

hindi kavita रखती है आबरू/ सम्पूर्णानंद मिश्र

hindi kavita रखती है आबरू रखती है आबरू गुज़र रहे हैं माना कि बहुत बुरे दौर से हम सब लेकिन न उखड़े विवेक और धैर्य का खूंटा भलाई है पूरे … Read More

Motivational Poetry in Corona time – रखने है हौसले बुलंद

Motivational Poetry in Corona time रखने है हौसले बुलंद हर तरफ़ मचा है शोर हाहाकार है घनघोर, सांसों को तरसती रोती बिलखती, मां के आंचल मे लिपटी, कही पिता के … Read More

छवि निहारूँ पावनी / बाबा कल्पनेश

छवि निहारूँ पावनी  छवि निहारूँ पावनी प्रभु आप आएँ इस हृदय में,छवि निहारूँ पावनी। सिय मातु संग में लखन दिनकर,हो विभा मन भावनी।। उर घन तिमिर डेरा हटे प्रभु,अब कृपा … Read More

बहती जैसे गंग-धार हो/हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

बहती जैसे गंग-धार हो/हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ बहती जैसे गंग-धार हो। मॉ तू पावन निर्मल कल-कल, बहती जैसे गंग-धार हो। सर्वश्रेष्ठ कृति ,सृष्टि धरोहर, उर-उपवन की मधु बहार हो। उच्छ्वासों में … Read More

Hindi Poetry Mothers day -मां कहां हो/ संपूर्णानंद मिश्र

Hindi Poetry Mothers day मां कहां हो? दुनिया की नज़रों से छुपाती थी मुझे अपने सीने से लगाती थी तुम्हारे दूध का कोई मोल नहीं मां तेरी ममता का कोई … Read More

Motivational Gazal on Corona Pandemic – राजेन्द्र वर्मा ‘ राज ‘

Motivational Gazal on Corona Pandemic मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं। मुश्किलें कुछ भले ही उड़ानों में हैं। पर मेरे हौसलें आसमानों में हैं।। तू मिटाकर मुझे इस क़दर … Read More